22 April 2005

बिल्ली

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भूरी बिल्ली

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भूरी बिल्ली चली खेलने
चूहों के संग गिल्ली
उठा पूँछ आउट का सिगनल
टॉमी ने दे डाला
खिसियानी सी बिल्ली सोचे
बदलूँ फिर से पाला
आउट नहीं मानती खुद को
बिल्ली बड़ी चिवल्ली
फिर से चलो खेले लो मौसी
बात बड़ी है छोटी
लेकिन चूहे समझ गए थे
इसकी नीयत खोटी
अगले ही पल आउट करके
चूहे सब हरषाए
लेकिन नहीं मानती बिल्ली
कौन इसे समझाए
अपनी नादानी से देखो
उड़वाती है खिल्ली
खेल भावना प्यार मौहब्बत
ये सब बहुत जरूरी
इनके बिना खेल में अक्सर
बढ़ जाती है दूरी
इसीलिए भूरी बिल्ली को
टॉमी ने समझाया
नहीं मानने पर गुस्सा हो
पंजा भी दिखलाया
अगर चपत जो मारा तुझको
निकल जाएगी किल्ली
खेल भावना बिना खेल में
होती है नादानी
सबकी बातें सुन बिल्ली ने
अपनी गलती मानी
मुझको माफी दे दो तुम सब
मैं हूँ बड़ी रबल्ली

***

-डॉ० अजय जनमेजय
SOSOSOSOSOSOSOSOSOSO

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